क्या होती है वायरलेस चार्जिंग, कैसे काम करती है
Thursday 18 January 2018
Tech
क्या होती है वायरलेस चार्जिंग, कैसे काम करती है
आजकल एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनीज़ अपने मानक को और बढ़ाने के लिये वायरलेस चार्जर पर जोर दे रही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वायरलेस चार्जर क्या होता है और कैसे काम करता है.
क्या होती है वायरलेस चार्जिंग-
इसमें मैग्नेटिक इंडक्शन और मैग्नेटिक रेजोनेंस का प्रयोग किया जाता है. लेकिन आपको बता दें कि वायरलेस चार्जिंग में भी वायर की आवश्यकता पड़ती है लेकिन इसे काम करने के लिए मोबाइल फोन से कनेक्ट कराने की बजाय वायरलेस चार्जर को प्लग किया जाता है.
यूजर को अपने फोन को इस चार्जर से चार्ज करने के लिये अपना फोन इस चार्जर पर रखना होता है. जिसके बाद ये डिवाइस काम करती है.
कैसे काम करता है वायरलेस चार्जर-
इस चार्जर में दो सतहों के बीच पॉवर सिग्नल को ट्रांसमिट करने के विये इंडक्शन और रेजोनेंस का प्रयोग किया जाता है. इसे कुछ ऐसे डिजायन किया जाता है कि बिना वायर के ही ये आपके स्मार्टफोन में करेंट ट्रंसमिट करने लग जाता है.
इस चार्जर में पॉवर सप्लाई देने के लिये चार्जर के बेस को प्लग करना होता है. जिसके बाद पॉवर सप्लाई होते ही इस डिवाइस में लगे कॉइल में करेंट पैदा होता है. जब इस कॉइल में करेंट आता है तो यहां से बेस स्टेशन को एक सिग्नल पहुंचता है. और कॉइल में मैग्नेटिक एनर्जी, इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल जाती है और स्मार्टफोन में लगी बैटरी चार्ज होने लगती है.
आपको बता दें कि एप्पल जैसी कंपनी इस फील्ड में अपने स्टैंडर्ड को बढ़ाने के लिये लगातार काम कर रही है. इसके अलावा सैमसंग के अलावा और भी तमाम कंपनीज़ भी इस क्षेत्र में लगातार काम कर रही हैं. और इसे और बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हैं.
आजकल एप्पल और सैमसंग जैसी कंपनीज़ अपने मानक को और बढ़ाने के लिये वायरलेस चार्जर पर जोर दे रही हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वायरलेस चार्जर क्या होता है और कैसे काम करता है.
क्या होती है वायरलेस चार्जिंग-
इसमें मैग्नेटिक इंडक्शन और मैग्नेटिक रेजोनेंस का प्रयोग किया जाता है. लेकिन आपको बता दें कि वायरलेस चार्जिंग में भी वायर की आवश्यकता पड़ती है लेकिन इसे काम करने के लिए मोबाइल फोन से कनेक्ट कराने की बजाय वायरलेस चार्जर को प्लग किया जाता है.
यूजर को अपने फोन को इस चार्जर से चार्ज करने के लिये अपना फोन इस चार्जर पर रखना होता है. जिसके बाद ये डिवाइस काम करती है.
कैसे काम करता है वायरलेस चार्जर-
इस चार्जर में दो सतहों के बीच पॉवर सिग्नल को ट्रांसमिट करने के विये इंडक्शन और रेजोनेंस का प्रयोग किया जाता है. इसे कुछ ऐसे डिजायन किया जाता है कि बिना वायर के ही ये आपके स्मार्टफोन में करेंट ट्रंसमिट करने लग जाता है.
इस चार्जर में पॉवर सप्लाई देने के लिये चार्जर के बेस को प्लग करना होता है. जिसके बाद पॉवर सप्लाई होते ही इस डिवाइस में लगे कॉइल में करेंट पैदा होता है. जब इस कॉइल में करेंट आता है तो यहां से बेस स्टेशन को एक सिग्नल पहुंचता है. और कॉइल में मैग्नेटिक एनर्जी, इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल जाती है और स्मार्टफोन में लगी बैटरी चार्ज होने लगती है.
आपको बता दें कि एप्पल जैसी कंपनी इस फील्ड में अपने स्टैंडर्ड को बढ़ाने के लिये लगातार काम कर रही है. इसके अलावा सैमसंग के अलावा और भी तमाम कंपनीज़ भी इस क्षेत्र में लगातार काम कर रही हैं. और इसे और बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हैं.
क्या होती है वायरलेस चार्जिंग, कैसे काम करती है
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Oleh
Nilesh
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